Saturday, December 29, 2007

घुटनों का दर्द

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methi सवेरे मैथी दाना के बारीक चुर्ण की एक चम्मच की मात्रा से पानी के साथ फंक्की लगाने से घुटनों का दर्द समाप्त होता है। विशेषकर बुढ़ापे में घुटने नहीं दुखते।

Walnuts_and_Walnut_Kernels या सवेरे भूखे पेट तीन चार अखरोट की गिरियां निकालकर कुछ दिन खाने मात्र से ही घुटनों का दर्द समाप्त हो जाता है।

 

coconut या नारियल की गिरी अक्सर खाते रहने से घुटनों का दर्द होने की संभावना नहीं रहती।

Monday, December 24, 2007

मुँह के छाले

Canker_sore

Fruits2 छोटी हरड़ को बारिक पीसकर छालों पर लगाने से मुँह तथा जीभ के छालों से छुटकारा मिलता है। जो छाले किसी भी दवा से ठीक नही हो रहे हो इस दवा के लगाने से निश्चय ही ठीक हो जायेंगे। दिन में दो तीन बार लगायें।

या (१) पेट साफ रखा जाये। (२) अधिक मिर्च मसालेदार पदार्थों से बचें।

या रात के भोजन के पश्चात एक छोटी हरड़ चूसें। इससे आमाशय और आन्तड़ियों के दोषों के कारण महीनों ठिक न होने वाले मुँह व जीभ के छाले ठीक हो जाते हैं। हरड़ को चुसते रहने से पाचक अंग शक्तिशाली बन जाते हैं, पेट के कीड़े नष्ट हो जाते हैं।

tulsi medicinal value या तुलसी की चार-पाँच पत्तियां नित्य सुबह और शाम चबाकर ऊपर से दो घूँट पानी पीयें। मुँह के छाले व मुँह की दुर्गन्ध दूर होती है। सप्ताह भर खायें।

या दो ग्राम भुना हुआ सुहागा का बारीक चूर्ण पन्द्रह ग्राम ग्लींसरीन में मिलाकर रख लें। दिन में दो तीन बार मुँह एवं जीभ के छालों पर लगायें।

या बच्चों के मुँह के छाले - मिश्री को बारीक पीसकर उसमें थोड़ा सा कपूर मिलाकर मुँह में लगायें। इससे मुँह के छाले और मुँह पाक मिटता है। यह दवा बच्चों के मुँह आने पर बहुत लाभकारी है।

Friday, December 21, 2007

बालों का समय से पहले सफेद होना

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amla एक चम्मच भर आंवला चूर्ण दो घूंट पानी से सोते समय अंतिम वस्तु के रूप में लें। असमय बाल सफेद होने और चेहरे की कान्ति नष्ट होने पर जादू का सा असर करता है। (साथ ही स्वर को मधुर और शुद्ध बनाता है तथा गले की घर-घराहट भी इससे ठीक हो जाती है।

या आंवला चूर्ण का लेप - सूखे आंवलों के चूर्ण को पानी के साथ लेई बनाकर इसका खोपड़ी पर लेप करने तथा पाँच दस मिनट बाद केशों को जल से धो लेने से बाल सफेद होने और गिरने बन्द हो जाते है।

या आंवला जल से सिर धोना सर्वोत्तम - विधि इस प्रकार है - २५ ग्राम सूखे आंवलों के यवकूट (मोटा-मोटा कूटकर) किए हुए टुकड़ों को २५० ग्राम पानी में रात को भिगो दें। प्रातः फूले हुए आंवलों को कड़े हाथ से मसलकर सारा जल पतले स्वच्छ कपड़े से छान लें। अब इस निथरे हुए जल को केशों की जड़ों में हल्के-हल्के अच्छी तरह मलिए और दस बीस मिनट बाद केशों को सादे पानी से धो डालिए। रूखे बालों को सप्ताह में एक बार और चिकने बालों को सप्ताह में दो बार धोना चाहिए। आवश्यकता हो तो कुछ दिन रोजाना भी धोया जा सकता है। केश धोने के एक घंटे पहले या जिस दिन केश धोने हों, उसके एक दिन पहले रात में आंवलों के तेल की मालिश केशों में करें।

Sunday, December 9, 2007

तुलसी

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तुलसी एक दिव्य पौधा है।


तुलसी की २१ से ३५ पत्तियाँ स्वच्छ खरल या सिलबट्टे (जिस पर मसाला न पीसा गया हो) पर चटनी की भांति पीस लें और १० से ३० ग्राम मीठी दही में मिलाकर नित्य प्रातः खाली पेट तीन मास तक खायें। ध्यान रहे दही खट्टा न हो और यदि दही माफिक न आये तो एक-दो चम्मच शहद मिलाकर लें। छोटे बच्चों को आधा ग्राम दवा शहद में मिलाकर दें। दूध के साथ भुलकर भी न दें। औषधि प्रातः खाली पेट लें। आधा एक घंटे पश्चात नाश्ता ले सकते हैं। दवा दिनभर में एक बार ही लें परन्तु कैंसर जैसे असह्य दर्द और कष्टप्रद रोगो में २-३ बार भी ले सकते हैं।


इसके तीन महीने तक सेवन करने से खांसी, सर्दी, ताजा जुकाम या जुकाम की प्रवृत्ति, जन्मजात जुकाम, श्वास रोग, स्मरण शक्ति का अभाव, पुराना से पुराना सिरदर्द, नेत्र-पीड़ा, उच्च अथवा निम्न रक्तचाप, ह्रदय रोग, शरीर का मोटापा, अम्लता, पेचिश, मन्दाग्नि, कब्ज, गैस, गुर्दे का ठीक से काम न करना, गुर्दे की पथरी तथा अन्य बीमारियां, गठिया का दर्द, वृद्धावस्था की कमजोरी, विटामिन ए और सी की कमी से उत्पन्न होने वाले रोग, सफेद दाग, कुष्ठ तथा चर्म रोग, शरीर की झुर्रियां, पुरानी बिवाइयां, महिलाओं की बहुत सारी बीमारियां, बुखार, खसरा आदि रोग दूर होते हैं।


यह प्रयोग कैंसर में भी बहुत लाभप्रद है।

Wednesday, December 5, 2007

क्रोध भगाएँ

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apple दो पके मीठे सेब बिना छीले प्रातः खाली पेट चबा-चबाकर खाने से गुस्सा शान्त होता है। पन्द्रह दिन लगातार खायें। थाली बर्तन फैंकने वाला और पत्नि और बच्चों को मारने पीटने वाला क्रोधी भी क्रोध से मुक्ति पा सकेगा।

जिन व्यक्तियों के मस्तिष्क दुर्बल हो गये हो और जिन विद्यार्थियों को पाठ  याद नहीं रहता हो तो इसके सेवन से थोड़े ही दिनों में दिमाग की कमजोरी दूर होती है और स्मरण शक्ति बढ़ जाती है। साथ ही दुर्बल मस्तिष्क के कारण सर्दी-जुकाम बना रहता हो, वह भी मिट जाता है।


कहावत है -
"एक सेब रोज खाइए, वैद्य डाक्टर से छुटकारा पाइए।"


amla या आंवले का मुरब्बा एक नग प्रतिदिन प्रातः काल खायें और शाम को गुलकंद एक चम्मच खाकर ऊपर से दुध पी लें। बहुत क्रोध आना बन्द होगा।

Saturday, December 1, 2007

तिल्ली एवं जिगर और तिल्ली, दोनों के बढ़ने पर

LIVER

gurh पुराना गुड़ डेढ़ ग्राम और बड़ी (पिली) हरड़ के छिल्के का चुर्ण बराबर वजन मिलाकर एक गोली दिन में दो बार प्रातः सायं हल्के गर्म पानी के साथ एक महीने तक लें। इससे जिगर और तिल्ली, यदि दोनों ही बढ़े हुए हों, तो भी ठीक हो जाते हैं।

इसके तीन दिन के प्रयोग से अम्लपित्त का भी नाश होता है।